महाराष्ट्र में राजनीति का हर रंग देखने को मिल रहा है। भाजपा के साथ बिना बहुमत की सरकार देने उतरे अजीत पवार फिर से NCP में चले गए। हालांकि, वे पहले से ही कहते रहे कि वो NCP में ही हैं, लेकिन उनका कहना यह भी था कि भाजपा के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए उनके पास NCP के विधायकों का समर्थन हासिल है। अब यह बात सबके सामने आ गई है कि अजीत पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके है। इसके पीछे वजह भी यह थी कि उन्होंने जिन सारे विधायकों का समर्थन खुद के पास बताया था, वे सभी शरद पवार के साथ खड़े थे। इस कड़ी में बहुमत ना होने के कारण देवेंद्र फडणवीस ने भी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। अब सवाल यह है कि भाजपा ने अजीत का साथ पाकर गलती तो नहीं की?
अजीत पवार ने खड़ा किया सवाल
यह सवाल तब ज्यादा अहम बन जाता है जब कुछ देर पहले अजीत पवार ने एक बयान में कहा हो कि वे हमेशा NCP के साथ ही थे। उन्होंने कहा, 'मैंने पहले ही कहा है कि मैं राकांपा के साथ था और मैं राकांपा के साथ हूं। क्या उन्होंने मुझे निष्कासित कर दिया है? क्या आपने इसे कहीं सुना या पढ़ा है? मैं अभी भी एनसीपी के साथ हूं।' अब यहां अजीत ने साफ कहा कि क्या NCP ने मुझे निष्कासित कर दिया है? तो इसके बाद वह सवाल मुख्य रूप से पूछे जाने लगा कि शरद पवार की बिना जानकारी के अजीत पार्टी से अलग क्यों हुए और भाजपा के साथ सरकार बना ली। इसमें शरद पवार खुद सामने आए और कहा कि अजीत का यह व्यक्तिगत फैसला है, NCP उनके इस फैसले का समर्थन नहीं करती है।
अब आया देवेंद्र फडणवीस का जवाब
देवेंद्र फडणवीस का 80 घंटे का दूसरा कार्यकाल समाप्त हो गया है। सवाल यह कि जब बहुमत नहीं है तो सरकार कैसे, लेकिन NCP के अजीत पवार साथ आए और बहुमत आंकड़ा गिनाया तो भाजपा ने महाराष्ट्र में सरकार बना ली। हालांकि, विधायकों का समर्थन अजीत को हासिल नहीं हुआ और सरकार गिर गई। अजीत भी NCP में पहुंचे। अब देवेंद्र द्वारा इस सवाल पर जवाब दिया गया कि क्या अजीत पवार के साथ गठबंधन करना कोई एक बड़ी गलती तो नहीं थी। इस पर उन्होंने कहा, 'मैं सही समय पर सही बात कहूंगा, चिंता न करें